रगों में बहता रहे तू,
हर हिन्दुस्तानी की कहानी बन के.... सीने में धड के तू ,
वही सैलाब तूफानी बन के ....
आँखों से छलकता सा ,
आज भी खूने-रवानी बन के ......आ रंग जा फिर से,
जूनून -ए -बसंती में अपनी जवानी बनके ....
Its something like:WRITE A MEMORY: कहानियां और बस कहानिया हैं..कुछ को हमने अपने आसपास ही चलते देखा है...कुछ को अपनी roommate के तकिये पर सोते पाया है...कुछ तो बस coffee houses में ही छूट गयी...कुछ को हमने बारिशों में समेटा है....कुछ को बस अपने depressive ख्वाबों में ही पाया है....यहाँ कुछ क्षण हैं...बस कुछ बातें जो शुरू तो हुई पर ख़त्म करने की किसी को कुछ खास जरूरत नहीं लगी...हमने सोचा diaries और notebooks के पिछले पन्नो से निकल कर यहाँ रखी जाये...बस.